अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता पैनल के सदस्य के रूप में पूर्व CJI एनवी रमना को नियुक्त किया गया

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भारतीय न्यायिक प्रणाली में अगर किसी को एक विशेष स्थान पर पहुंचाया जाए, तो वह उस व्यक्ति की अद्वितीय योग्यता और काबिलियत का परिणाम होता है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, एनवी रमना की हाल ही में सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएमसी) के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थ पैनल में नियुक्ति होने की घोषणा इस सिद्धांत का पुनः प्रमाण है।

यह नियुक्ति सिंगापुर और भारत के बीच न्यायिक सहयोग और साझा अभिप्रेत का प्रतीक है। एसआईएमसी के अध्यक्ष, जॉर्ज लिम ने सम्मानजनक रूप से न्यायमूर्ति रमना को उनका नियुक्ति पत्र सौंपा, जिससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मजबूत पहचान की पुष्टि हुई।

न्यायमूर्ति रमना की सिंगापुर यात्रा का मुख्य उद्देश्य “सिंगापुर कन्वेंशन वीक” में भाग लेना था, जिसे सिंगापुर के कानून मंत्रालय, यूएनसीआईटीआरएएल और अन्य प्रमुख संगठनों ने मिलकर आयोजित किया।

जो सबसे आकर्षक बात रही, वह था भारतीय कॉरपोरेट समुदाय के प्रतिनिधियों और न्यायमूर्ति रमना की मुलाकात, जहाँ भारतीय कॉरपोरेट जगत के गौरवशाली नामों जैसे कि टाटा, रिलायंस, महिंद्रा और आदित्य बिड़ला समूहों ने ‘इरादे की घोषणा’ पर हस्ताक्षर किए।

इससे यह स्पष्ट होता है कि मध्यस्थता की प्रक्रिया के महत्व को पहचानते हुए भारतीय कॉरपोरेट जगत और न्यायिक प्रणाली मिलकर इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं।

अंत में, न्यायमूर्ति रमना की इस नई जिम्मेदारी में उन्हें सफलता प्राप्त हो और इससे भारतीय न्यायिक प्रणाली की अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान मजबूत हो, यही आशा

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