मुंबई से भारत का नया युद्धपोत महेंद्रगिरि को लॉन्च किया जाएगा

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भारत के रक्षा क्षेत्र में नवीनतम उपलब्धियों में से एक बड़ी उपलब्धि ‘महेंद्रगिरि’ का शुभारंभ है, जो 1 सितंबर को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स में लॉन्च किया जाएगा। यह घटना केवल एक नई तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

‘महेंद्रगिरि’ प्रोजेक्ट 17ए के सातवें और अंतिम स्टील्थ फ्रिगेट के रूप में उभर कर सामने आया है। इसका मतलब है कि यह जलयान समुद्र में अपने विरोधी से अदृश्य रहता है, जिससे यह अपने शत्रु को आसानी से ध्वस्त कर सकता है। इस प्रकार की तकनीकी महारत के विकास में भारत ने विशेष रूप से प्रतिस्पर्धा और सख्त कार्यवृत्ति दिखाई है।

इस उपलब्धि से न केवल भारतीय नौसेना की शक्ति और समर्थन में वृद्धि हुई है, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग के निरंतर विकास और सुदृढ़ीकरण की प्रतीक भी बन गई है। ‘महेंद्रगिरि’ का लॉन्च भारत द्वारा आत्मनिर्भर नौसैनिक बल के निर्माण में की गई उल्लेखनीय प्रगति की साक्षात घटना है।

अंत में, ‘महेंद्रगिरि’ के प्रक्षेपण से यह संदेश स्पष्ट है कि भारत न केवल रक्षा प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है, बल्कि अपने रक्षा उपकरणों के निर्माण में भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।

क्या है प्रोजेक्ट 17ए

प्रोजेक्ट 17ए, प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक श्रेणी) फ्रिगेट्स का संवर्धन है और इसका मुख्य लक्ष्य भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता में विशेष वृद्धि करना है। इस परियोजना की प्रमुख विशेषताएं उन्नत स्टील्थ प्रौद्योगिकी, आधुनिक आयुध संचारण, संवेदी संवेदक और अग्रणी प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियों को शामिल करने पर आधारित हैं। प्रोजेक्ट 17ए में सप्त समुद्री यानों का निर्माण हो रहा है, जिसमें से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में चार और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स (जीआरएसई) में तीन जहाजों का निर्माण हो रहा है।

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