दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी 2.0

जब बात जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी असंतुलन की होती है, तो वाहनिक प्रदूषण को मुख्य दोषी माना जाता है। यही कारण है कि विश्वभर में विकेन्द्रीकृत ऊर्जा स्रोतों की ओर ध्यान केंद्रित हो रहा है, और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचार-प्रसार हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन रेट्रो-फिटमेंट इस परिवर्तन की एक उदाहरण है। यह प्रक्रिया पारंपरिक पेट्रोल या डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करती है, जिससे ये वाहन पर्यावरण के लिए अधिक संवेदनशील और सुस्तैनेबल बन जाते हैं। रेट्रो-फिटमेंट में वाहन का मूल आंतरिक दहन इंजन और संबंधित अन्य घटक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से प्रतिस्थापित किए जाते हैं। इससे वाहन स्वच्छ ऊर्जा स्रोत, जैसे कि बैटरी, पर चल सकता है।
इस प्रक्रिया के कई लाभ हैं:
- प्रदूषण की कमी: इलेक्ट्रिक वाहनों से जलवायु परिवर्तन के गैसीकरण उत्सर्जकों का उत्सर्जन नहीं होता है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी होती है।
- ऊर्जा की बचत: इलेक्ट्रिक वाहन अधिक ऊर्जा कुशल होते हैं और पेट्रोल या डीजल की तुलना में सस्ती ऊर्जा स्रोत पर चलते हैं।
- जलवायु परिवर्तन में योगदान: वैश्विक तापमान के वृद्धि को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
- अर्थशास्त्रिक लाभ: इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम होती है, जिससे उपयोगकर्ता को आर्थिक लाभ होता है।
अब, हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रशंसा हो रही है, यह भी सत्य है कि सभी लोग नए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए, रेट्रो-फिटमेंट उन लोगों के लिए एक समाधान है जो अपने पुराने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहते हैं।
दिल्ली सरकार की ईवी नीति 2.0 के मुख्य बिन्दु
- नीति का उद्देश्य:
- स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना।
- मौजूदा वाहनों के जीवनकाल में वृद्धि करना।
- ईवी रेट्रो-फिटमेंट:
- मौजूदा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित करने का कार्य।
- यह नीति रेट्रो-फिटमेंट को प्राथमिकता देगी।
- लागत प्रबावीता:
- रेट्रो-फिटमेंट की प्रक्रिया अधिक लागत में आ सकती है।
- सरकार इसे सस्ता और लागत-कुशल बनाने की योजना बना रही है।
- सब्सिडी और प्रोत्साहन:
- इस प्रक्रिया को सहायक बनाने के लिए सरकार संभवतः सब्सिडी और प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
- किट का परीक्षण और मान्यता:
- रेट्रोफिट किट को नामांकित परीक्षण एजेंसियों से मान्यता प्राप्त करनी होगी।
- अनुसंधान और विकास:
- सरकार इस तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश करने की सोच रही है।
- वायु प्रदूषण और टिकाऊ परिवहन:
- इस पहल से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकेगा और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
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