एनसीईआरटी ने पाठ्यपुस्तक संशोधन के लिए 19 सदस्यीय समिति का गठन किया

शिक्षा हर राष्ट्र की माजूली का आधार है। भारत में, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) स्कूली शिक्षा के मानकों और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए सीखने की सलाहकार संस्था के रूप में कार्य करती है।
हाल ही में, परिषद ने पाठ्यपुस्तकों के संशोधन के लिए एक नवाचारी कदम उठाया। इस उद्देश्य से, वे ने एक 19 सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसका मुख्य कार्यक्षेत्र कक्षा 3 से 12 तक की पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करना है। यह समिति न केवल पाठ्यपुस्तकों के संशोधन की प्रक्रिया को संचालित करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि कक्षा 1 और 2 के बाद की शिक्षा निर्बाध और संरचित ढंग से हो।
आज के समय में, जब समाज और प्रौद्योगिकी तेजी से बदल रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हमारी शिक्षा प्रणाली भी उससे कदम मिला कर चले। एनसीईआरटी का यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक समझदार, समाजिक और अधिक समझदार बनाने में मदद करेगा।
अंतत: यह आशा है कि इस समिति के माध्यम से आये नए संशोधन स्कूली शिक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे, और भारतीय विद्यार्थियों को उन्हें आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करेंगे, जो उन्हें वैश्विक पारिप्रेक्ष्य में सफल बनाएंगे।
19 सदस्यीय समिति के सदस्य
एमसी पंत | मंजुल भार्गव | बिबेक देबरॉय |
चामू कृष्ण शास्त्री | संजीव सान्याल | यू विमल कुमार |
सुधा मूर्ति | एमडी श्रीनिवास | शेखर मांडे |
शंकर महादेवन | सुरीना रंजन | माइकल डैनिनो |
सुजाता रामादोराई | प्रत्युषा कुमार मंडला | दिनेश कुमार |
कीर्ति कपूर | रंजना अरोड़ा | राबिन छेत्री |
के कस्तूरीरंगन |
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