भारत आसियान देशों के साथ FTA पर करेगा पुनः विचार

भारत और आसियान देश ने अपने चलते हुए मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। इस समीक्षा की प्रमुख उद्देश्य है व्यापार में हो रही असंतुलन और विषमताओं का समाधान पाना। वाणिज्य मंत्रालय ने इस घोषणा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूती देने में संकल्पित हैं।
2009 में आसियान और भारत के बीच माल व्यापार संधि (एआईटीआईजीए) पर हस्ताक्षर हुए थे, जो दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को मजबूती देने के उद्देश्य से किया गया था। वक्त के साथ समझौते में आई विभिन्न चुनौतियों और विकेन्द्रीकरण को देखते हुए, एक संयुक्त समिति की स्थापना की गई थी जो इस समझौते पर पुनः विचार कर सके।
इस समिति की मुख्य जिम्मेदारी थी कि वे व्यापार संधि में हो रही समस्याओं और अवसरों का मूल्यांकन करें और उसे सुधारने के उपाय सोचें। उन्होंने नई बातचीत शुरू करने के लिए उचित संदर्भ और शर्तें पर विचार किया और इसे स्वीकृति दी।
इस संयुक्त समिति के ताज़ा दृष्टिकोण और निर्णयों से आसियान और भारत के बीच व्यापार संधि की पुनः समीक्षा के लिए एक नई पहल हुई है। इससे उम्मीद है कि आगे चलकर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और भी मजबूत और संवादनशील होंगे, जिससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक लाभ होगा।
हाल ही में इंडोनेशिया में आसियान और भारतीय आर्थिक मंत्रियों की एक महत्वाकांक्षी बैठक हुई। इस बैठक में, मंत्रियों ने समीक्षा प्रक्रिया के लिए स्ट्रैटेजिक दृष्टिकोण पर सामूहिक रूप से सहमति जताई। उन्होंने तीन महीने में एक बार संवाद की योजना को मान्यता दी, जिसका मुख्य उद्देश्य समीक्षा प्रक्रिया की निगरानी और सुधार की दिशा में काम करना है। इसके साथ ही, वे ने 2025 तक समीक्षा को पूरा करने का ठोस लक्ष्य तय किया। यह लक्ष्य और इसके पीछे की सोच व्यापारिक संबंधों को और अधिक समृद्ध और प्रभावी बनाने के उनके संकल्प को दर्शाती है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे आसियान और भारत के बीच वाणिज्यिक संबंध और भी प्रभावशाली होंगे, जो पारस्परिक रूप में फायदेमंद और विकास के अनुरूप होगा। इस बैठक ने दोनों पक्षों की आर्थिक सहयोग और संबंध साझा करने की गहरी प्रतिबद्धता को मजबूती दी है।
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