National Crime Records Bureau Report

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2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में सबसे अधिक लापता महिलाओं की संख्या महाराष्ट्र में दर्ज की गई है, जो 56,498 है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 55,704, पश्चिम बंगाल में 50,998 और ओडिशा में 29,582 महिलाएं लापता दर्ज की गई हैं।


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के “क्राइम ऑफ इंडिया” रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत भर में 375,058 महिलाएं (18 वर्ष से अधिक) और 90,113 बालिकाएं (18 वर्ष से कम) गुम हो गईं। उनमें से सबसे ज्यादा महिलाएं और बालिकाएं महाराष्ट्र (56,498), मध्य प्रदेश (55,704), पश्चिम बंगाल (50,998) और ओडिशा (29,582) में गुम हुईं।

अगर हम 2019 से 2021 तक की तीन वर्षों की बात करें, तो भारत में 10,61,648 महिलाएं और 2,51,430 बालिकाएं गुम हो गईं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ऐसे दो राज्य थे जहां इस अवधि में सबसे अधिक महिलाएं और बालिकाएं गुम हुईं।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए की गयी पहल :

2018 का आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 12 वर्ष या उससे कम आयु की बालिकाओं के बलात्कार के मामलों में दोषियों के खिलाफ मृत्युदंड जैसी कठोर सजाओं की व्यवस्था करता है। यह विधेयक बलात्कार मामलों की जांच को दो महीने में पूरा करने और उसी समयावधि में सुनवाई समाप्त करने के लिए निर्देश देता है।

अश्लील सामग्री की शिकायतों के लिए, गृह मंत्रालय ने 2018 में एक केंद्रीय ऑनलाइन शिकायत पोर्टल शुरू की।

फरवरी 2019 में, मंत्रालय ने यौन अपराधों की जांच को ट्रैक करने के लिए “जांच ट्रैकिंग सिस्टम” नामक एक ऑनलाइन उपकरण लॉन्च किया।

साथ ही, देशव्यापी पुलिस स्थानों और मानव तस्करी के खिलाफ इकाइयों में महिला सहायता डेस्क की स्थापना के लिए दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हिंसा और आपत्ति से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए पूरे देश में 733 वन-स्टॉप सेंटर्स की स्थापना की है।

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