भारत-ऑस्ट्रेलिया राइज एक्सेलेरेटर: सर्कुलर इकोनॉमी स्टार्टअप्स का समृद्धि का सफर

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विज्ञान और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में सहयोग और एकीकृतता की ओर मुखौटा कदम बढ़ाते हुए, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आत्मनिर्भर और सुरक्षित सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में नए एग्रीमेंट की शुरुआत की है। अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और नीति आयोग ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ के साथ मिलकर ‘रैपिड इनोवेशन एंड स्टार्टअप एक्सपेंशन’ (आरआईएसई) एक्सेलेरेटर की शुरुआत की है।

आरआईएसई एक्सेलेरेटर का उद्देश्य:

यह नया पहल भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई उद्यमियों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए है, ताकि सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में स्थिर और शक्तिशाली स्टार्टअप बढ़ा सकें। इस पहल के माध्यम से एक सामरिक योजना के तहत, उद्यमियों को आवश्यक साधनों, मेंटरिंग, और विशेषज्ञ सहायता प्रदान की जाएगी।

सहयोग का मौका:

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह सहयोग के माध्यम से विज्ञान, तकनीक, और उद्यमिता के क्षेत्र में नए आइडिया और नवाचार की बढ़ती जोर दिखा रहा है। यह समर्थन न केवल वित्तीय होगा बल्कि यह भी विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी सृष्टि को बढ़ावा देगा, जिससे युवा उद्यमिता की ओर आकर्षित हो सकता है।

सीएसआईआरओ का योगदान:

ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ का सहयोग इस पहल को मजबूत करने में एक कुंजीकृत भूमिका निभा रहा है। इसके माध्यम से आत्मनिर्भर तकनीकी समाधानों और उनके प्रचार-प्रसार के लिए विशेषज्ञ सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे इनोवेटिव आइडियाज को बड़ी ताकत मिलेगी।

निष्कर्ष:

भारत-ऑस्ट्रेलिया रैपिड इनोवेशन एंड स्टार्टअप एक्सपेंशन का शुभारंभ एक नये युग की शुरुआत को दर्शाता है, जहां दो देश एक साथ काम करके सर्कुलर इकोनॉमी के क्षेत्र में नए दिशानिर्देश स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस सहयोग का परिणामस्वरूप, उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में नए उच्चांक प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देश एक-दूसरे की तक़दीर में महत्वपूर्ण योगदान कर सकें।

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