ध्रुवास्त्र मिसाइल को आधिकारिक स्वीकृति मिली

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भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को मज़बूती देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने हाल ही में स्वदेशी कम दूरी की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, ध्रुवास्त्र को मंजूरी दी है। यह निर्णय भारत की स्वतंत्रता और स्वावलंबन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ध्रुवास्त्र मिसाइल का डिज़ाइन स्वदेशी रूप से निर्मित DHRUV MK-IV हेलीकॉप्टरों पर तैनात करने के लिए किया गया है। इस मिसाइल की स्पेशलिटी यह है कि यह दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाकर नष्ट कर सकता है।

भारतीय सेना की इस नई तकनीकी की मदद से उसकी लड़ाकू क्षमता में विशेष वृद्धि होगी। यह मिसाइल भारत के रक्षा संरचना में एक नई उम्मीद और आत्म-विश्वास की भावना ला रही है।

स्वदेशी उत्पादन का महत्व उस समय समझा जा सकता है जब देश को अपनी सुरक्षा में आत्म-निर्भर होने की जरूरत हो। ध्रुवास्त्र मिसाइल का विकास और इसे हरी झंडी देने का निर्णय भारत के रक्षा उद्योग की प्रौद्योगिकी प्रगति का प्रतीक है।

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