ISRO Launch of RH200

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इसरो के बहुमुखी साउंडिंग रॉकेट आरएच200 ने बुधवार को थुंबा, तिरुवनंतपुरम के तट से अपना लगातार 200वां सफल प्रक्षेपण दर्ज किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” करार दिया। इसे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ सहित अन्य लोगों ने देखा।RH200 की सफल उड़ान ने थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (TERLS) से उड़ान भरी। 200वीं लगातार सफल उड़ान पिछले वर्षों में प्रदर्शित बेजोड़ विश्वसनीयता के प्रति भारतीय रॉकेट वैज्ञानिकों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

आरएच200 रॉकेट क्या हैं :

  • RH200, जो 70 किमी की ऊंचाई तक चढ़ने में सक्षम है, एक दो चरणों वाला बहुउद्देश्यीय साउंडिंग रॉकेट है जो वैज्ञानिक पेलोड को अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम है। नाम में 200 मिलीमीटर में रॉकेट के व्यास को दर्शाता है। 3.5 मीटर लंबा यह रॉकेट रोहिणी रॉकेट परिवार का है। इसका उपयोग इसरो द्वारा वायुमंडलीय अध्ययन के लिए किया जाता है। इस रॉकेट का पहला और दूसरा चरण ठोस मोटरों द्वारा संचालित होता है। यह रॉकेट वर्तमान में नई तकनीकों के प्रयोगों और परीक्षण के लिए एक लचीला मंच प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
  • साउंडिंग रॉकेट, जिसे कभी-कभी अनुसंधान रॉकेट या सबऑर्बिटल रॉकेट के रूप में जाना जाता है, एक उपकरण ले जाने वाला रॉकेट है जो अपनी उप-कक्षीय उड़ान के दौरान माप लेने और वैज्ञानिक प्रयोग करने में सक्षम है। इसका उपयोग पृथ्वी की सतह से 48 से 145 किमी की ऊँचाई पर उपकरणों को लॉन्च करने के लिए किया जाता है।

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