Artemis-I NASA Moon Mission

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नासा ने अपने आर्टेमिस I मिशन को मून के लिए लांच कर दिया है। यह 50 साल बाद नासा का कोई मून मिशन है. यह एक मानवरहित मून मिशन है। यह मिशन 32-मंजिला स्पेस लॉन्च सिस्टम SLS रॉकेट से लांच किया गया है।जो नासा का अब तक का सबसे पावरफुल रॉकेट सिस्टम है। इसका ओरियन कैप्सूल मून के चारों तरफ चक्कर लगाएगा।

आर्टेमिस I क्या हैं:

आर्टेमिस I मिशन एक बहुउद्देशीय मिशन प्लान है। आर्टेमिस मिशन के तहत नासा आने वाले दशकों में चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव मिशन की तैयारी में है।आर्टेमिस I के प्रतीक को डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन सिस्टम प्रोग्राम के लिए काम करने वाली रचनात्मक टीम के सहयोग से डिजाइन किया गया है, जिसमें वाशिंगटन में नासा मुख्यालय में स्थित ओरियन, एसएलएस और एक्सप्लोरेशन ग्राउंड सिस्टम शामिल हैं। यह स्पेसशिप 42 दिनों में चंद्रमा की यात्रा करके वापस आएगा।

नासा ने अपने आर्टेमिस I मिशन को मून के लिए लांच कर दिया है। यह 50 साल बाद नासा का कोई मून मिशन है. यह एक मानवरहित मून मिशन है। यह मिशन 32-मंजिला स्पेस लॉन्च सिस्टम SLS रॉकेट से लांच किया गया है।जो नासा का अब तक का सबसे पावरफुल रॉकेट सिस्टम है। इसका ओरियन कैप्सूल मून के चारों तरफ चक्कर लगाएगा।

आर्टेमिस I मिशन का उद्देश्य:

आर्टेमिस I के लिए प्राथमिक लक्ष्य अंतरिक्ष यान के वातावरण में ओरियन के सिस्टम को प्रदर्शित करना है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके की आगे के आर्टेमिस मिशन सफल हो। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित करना है। कि आर्टेमिस II चालक दल के साथ पहली उड़ान में सफल हो सके।अर्टेमिस-1 मिशन के दौरान ओरियन और SLS रॉकेट चंद्रमा तक जाकर और धरती पर वापस आएंगे। इस दौरान दोनों ही अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। यह भविष्य में होने वाले मून मिशन से पहले का लिटमस टेस्ट है। अगर यह सफल होता है तो साल 2025 तक अर्टेमिस मिशन के तरह पहली बार चंद्रमा पर एस्ट्रोनॉट को भेजा जाएगा। अर्टेमिस-1 मिशन के बाद ही नासा वैज्ञानिक चंद्रमा तक जाने के लिए अन्य जरूरी तकनीकों को डेवलप करेंगे। ताकि चंद्रमा से आगे मंगल तक की यात्रा भी हो सके।

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