भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी की जून 2022 के लिए वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट

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भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में जून 2022 के लिए अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट प्रकाशित की।

                       भारतीय रिजर्व बैंक रिपोर्ट के इस संस्करण में अंतर्राष्ट्रीय नियामक और पर्यवेक्षी प्रथाओं का एक सर्वेक्षण शामिल है, जो बिग टेक संस्थाओं पर लागू होता है। अपने सर्वे में गूगल, फेसबुक, एपल, एमेजॉन और अलीबाबा को सर्विस प्रोवाइडर्स में शामिल किया है।RBI के अनुसार, दुनिया भर के नियामक वित्तीय क्षेत्र में बिग टेक के प्रवेश से जोखिमों और लाभों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

रिपोर्ट के निष्कर्ष

  • इस रिपोर्ट में, RBI ने कहा कि, बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां (‘बिगटेक’) बढ़ रही हैं और “too-critical to fail” संस्थानों में बदल रही हैं। इस प्रकार, इसके नियामकों को वित्तीय प्रणाली के साथ इंटरलिंकिंग के बारे में पता होना चाहिए।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, बिगटेक तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिमकारक बन सकते हैं। 

बिगटेक से जुड़ी प्रमुख चिंताएं

दुनिया भर में नियामक और पर्यवेक्षक वित्तीय सेवाओं में बिग टेक की उपस्थिति से संबंधित तीन प्रमुख चिंताओं को उजागर करते हैं। ये चिंताएं वित्तीय स्थिरता, विधायी और शासन संबंधी मुद्दों से संबंधित हैं। रिपोर्ट नोट करती है कि, बिगटेक ने भुगतान सेवा प्रदाताओं के रूप में वित्तीय क्षेत्र में प्रवेश किया। लेकिन अब वे क्रेडिट, एसेट मैनेजमेंट, क्राउडफंडिंग और बीमा जैसी कई वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। वे अपने प्लेटफार्मों के माध्यम से कई वित्तीय गतिविधियों को जोड़कर वित्तीय स्थिरता जोखिम बढ़ाते हैं।

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