भारत का विदेशी ऋण जून-अंत 2020

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जून 2020 के अंत में बाह्य ऋण संबंधी स्टॉक तथा पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े विवरण I (पुराना फार्मेट) और II (आईएमएफ फार्मेट)1 में दिए गए हैं। जून 2020 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं।

मुख्य-मुख्य बातें

जून 2020 के अंत में, भारत का बाह्य ऋण 554.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसने मार्च 2020 के अंत के इसके स्तर पर 3.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज की है ।

जीडीपी की तुलना में बाह्य ऋण का अनुपात जून 2020 के अंत में 21.8 प्रतिशत तक बढ़ा जोकि मार्च 2020 के अंत में 20.6 प्रतिशत था।

प्रमुख मुद्राओं जैसे यूरो, येन और एसडीआर2 की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मूल्यह्रास के कारण मूल्यनिर्धारण हानि 0.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। मूल्यनिर्धारण प्रभाव को छोड़कर, बाह्य ऋण में कमी मार्च 2020 के अंत की तुलना में जून 2020 के अंत में 3.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बजाय 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही होती।

जून 2020 के अंत में, दीर्घकालिक ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता के साथ) 449.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें मार्च 2020 के इसके स्तर से 2.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी दर्ज की गई। 

कुल बाह्य ऋण में अल्पकालिक ऋण (एक वर्ष तक की मूल परिपक्वता के साथ) की हिस्सेदारी मार्च 2020 के अंत में 19.1 प्रतिशत से घटकर मार्च 2020 के अंत में 18.9 प्रतिशत हो गई; विदेशी मुद्रा भंडारों की तुलना में अल्पकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात जून 2020 के अंत में घटकर 20.8 प्रतिशत हो गया (मार्च 2020 के अंत में 22.4 प्रतिशत)।

अवशिष्ट परिपक्वता आधार पर अल्पकालिक ऋण (अर्थात ऋण देयताएं जिसमें दीर्घकालिक ऋण शामिल है जिनकी मूल परिपक्वता अगले बारह महीनों में देय हो रही है तथा मूल परिपक्वता वाले अल्पकालिक ऋण शामिल है) जून 2020 के अंत में कुल बाह्य ऋण में 44.0 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही (मार्च 2020 के अंत में 42.4 प्रतिशत) तथा यह विदेशी मुद्रा भंडार के 48.2 प्रतिशत (मार्च 2020 के अंत में 49.6 प्रतिशत) रहा।

अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्गांकित ऋण भारत के बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक बना रहा, जिसकी हिस्सेदारी जून 2020 के अंत में 53.9 प्रतिशत थी, जिसके बाद भारतीय रुपया (31.6 प्रतिशत), येन (5.7 प्रतिशत) एसडीआर (4.5 प्रतिशत) और यूरो (3.5 प्रतिशत) रहें।

उधारकर्ता-वार वर्गीकरण दर्शाता है कि जून 2020 के अंत में सरकारी और गैर- सरकारी दोनों क्षेत्रों का बकाया ऋण घट गया । 

कुल बाह्य ऋण में गैर-वित्तीय निगमों के बकाया ऋण का हिस्सा सबसे अधिक 42.3 प्रतिशत था, इसके पश्चात जमा-स्वीकार करने वाले निगम (केंद्रीय बैंक को छोड़कर) (28.1 प्रतिशत), सामान्य सरकार (18.0 प्रतिशत) और अन्य वित्तीय निगम (7.4 प्रतिशत) थे।

ऋण सेवा (ब्याज भुगतान सहित मूल चुकौती) मार्च 2020 के अंत के 6.5 प्रतिशत की तुलना में जून 2020 के अंत में बढकर चालू प्राप्तियों के 8.1 प्रतिशत हो गई, जो चालू प्राप्तियों को कम दर्शाती है ।

प्रश्न-जून-अंत 2020 तक भारत का विदेशी ऋण कितना था?

(a) 554.5 बिलियन डॉलर

(b) 555.5 बिलियन डॉलर

(c) 556.5 बिलियन डॉलर

(d) 557.5 बिलियन डॉलर

उत्तर-(a)

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