भारतीय संसद ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए ऐतिहासिक श्रम संहिता की पारित

0 Comments

23 सितंबर, 2020 को संसद ने तीन श्रम संहिताएं पारित कीं हैं, जिनका उद्देश्य ऐतिहासिक “गेम चेंजर” श्रम कानूनों के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त करना था. राज्यसभा द्वारा सदन से आठ सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा बहिष्कार के दौरान ही राज्यसभा द्वारा ध्वनि मत के माध्यम से अपनी स्वीकृति देने के बाद यह श्रम सहिंता पारित की गई. लोकसभा ने 22 सितंबर को यह विधेयक पारित किया था.

इस नई श्रम संहिता के तहत, 18000 रुपये मासिक से कम वेतन वाले एक राज्य से दूसरे राज्य में आने वाले सभी श्रमिक प्रवासी श्रमिक की परिभाषा के तहत आएंगे और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करेंगे.

तीन श्रम संहिताओं में निम्नलिखित हैं शामिल

औद्योगिक संबंध संहिता, 2020: यह विधेयक हरेक संस्था में समयबद्ध विवाद समाधान प्रणाली प्रदान करने का प्रयास करता है.

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता, 2020 (OSH कोड): इस विधेयक में श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण की परिकल्पना की गई है.

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020: इस विधेयक का उद्देश्य व्यापक सामाजिक सुरक्षा के दायरे में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को शामिल करने के लिए एक ढांचा या तंत्र प्रदान करना है.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इन तीन श्रम सुधार बिलों पर बहस का जवाब देते हुए यह कहा कि, इन श्रम सुधारों का उद्देश्य बदलते हुए कारोबारी माहौल के अनुकूल एक पारदर्शी व्यवस्था प्रदान करना है. उन्होंने इन तीनों विधेयकों को एक ऐतिहासिक गेम-चेंजर के रूप में वर्णित किया जो श्रमिकों, उद्योगों और अन्य संबंधित पक्षों की आवश्यकताओं में सामंजस्य स्थापित करेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published.