RBI ने शहरी सहकारी बैंकों में एकल और समूह की उधारकर्ता एक्सपोज़र सीमा में की कटौती

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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंक (UCBs) में एकल उधारकर्ता और समूह के लिए एक्सपोज़र सीमा में बदलाव किया है।

शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए एक्सपोज़र सीमा को बड़े ऋणों से उत्पन्न एकाग्रता जोखिमों को कम करने के लिए कम किया गया है।

इसे निम्नलिखित तरीके से बदलाव किया गया है:

आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में एकल उधारकर्ता एक्सपोज़र सीमा को टीयर I पूंजी के लिए घटाकर 15% कर दिया है। इससे पहले यह सीमा टीयर I और टियर II पूंजी का 15% थी।

RBI ने शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में समूह के उधारकर्ताओं के लिए एक्सपोज़र सीमा को टीयर I पूंजी के लिए 25% तक घटा दिया है। इससे पहले यह सीमा टीयर I और टियर II पूंजी का 40% थी।

RBI के अनुसार, बैंकों द्वारा 31 मार्च 2023 तक एकल और समूह उधारकर्ताओं के लिए मौजूदा एक्सपोज़र सीमा को नई एक्सपोज़र सीमा के अनुसार संशोधित किया जाना चाहिए। ये नई सीमाएँ सभी नए ऋणों पर भी लागू होंगी।

साथ ही आरबीआई द्वारा यह भी कहा गया कि यूसीबी के पास अपने कुल ऋण का कम से कम 50% होना चाहिए और 25 लाख रुपये से अधिक या उनकी टियर I पूंजी का 0.2% नहीं होना चाहिए, अधिकतम 1 करोड़ रुपये प्रति उधारकर्ता जो भी अधिक हो। जबकि वे यूसीबी जो वर्तमान में उपरोक्त शर्तों के साथ संरेखित नहीं हैं, उन्हें 31 मार्च 2024 तक इन मानदंडों का पालन करना होगा।

RBI ने समायोजि‍त नि‍वल बैंक ऋण (ANBC), या क्रेडिट-बैलेंस शीट एक्सपोज़र (CEOBSE) की क्रेडिट समतुल्य राशि का यूसीबी के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) लक्ष्य को 40% से बढ़ाकर 75% करने का फैसला किया है। इन मानदंडों को भी 31 मार्च 2024 तक पूरा करना होगा।

RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.

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