IDSA का नाम बदलकर केंद्र सरकार ने किया ‘मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान’

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केंद्र सरकार ने रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (The Institute for Defence Studies and Analyses) का नाम बदल कर मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान करने का निर्णय लिया है।

यह निर्णय देश के पूर्व रक्षा मंत्री और पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर को सम्मानित करने के लिए लिया गया है।

मनोहर पर्रिकर का “सबसे बड़ा” योगदान सशस्त्र बलों की लंबे समय चली आ रही वन रैंक वन पेंशन (OROP) मांग को लागू करना था। पर्रिकर 9 नवंबर, 2014 से 14 मार्च, 2017 तक रक्षा मंत्री रहे थे।

नई दिल्ली में IDSA की स्थापना 1965 एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में की थी, जो रक्षा एवं सुरक्षा के सभी पहलुओं पर उद्देश्यपूर्ण अनुसंधान और नीति-प्रासंगिक अध्ययनों के लिए समर्पित है। 

संस्थान का उद्देश्य रक्षा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना तथा ज्ञान का प्रसार करना है। 

संस्थान अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, विशेषज्ञों के अनुसंधान, नीति-उन्मुख अनुसंधान, अनुसंधान निष्कर्षों के प्रसार, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और सार्वजनिक शिक्षा का कार्य करता है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत

28 वें सेनाध्यक्ष: जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे

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